Bachpan Ke Dost Shayari in Hindi: इस दुनिया में आपने कई दोस्त बनाये होंगे लेकिन आपके कुछ ऐसे दोस्त होंगे जो बचपन से लेकर आज तक आपके साथ होंगे। ये बचपन के दोस्त वो मित्र हैं जो किस्मत से मिलते हैं। इन्ही के लिए आज आपको यहाँ bachpan ke dost par shayari aur status मिलने वाले हैं। हालाँकि मैंने आपके साथ dost wali shayari शेयर की हुई है लेकिन इस पेज पर आपको आपके बचपन के पुराने दोस्त लिए शायरियां और स्टेटस प्राप्त होंगे। किसी ने सही कहा है के आपके जीवन में कुछ ऐसे दोस्त तो होने ही चाहिए जो बचपन से लेकर अंत तक आपके साथ खड़े रहे। कई कारणों की वजह से आपके कई दोस्त आपसे दूर हो गए होंगे, मगर बचपन की दोस्ती इतनी गहरी होती है की वह आपको कभी अलग नहीं होने देती।
आज की शायरियों को पढ़ने के बाद आपके बचपन के दिनों की यादें ताज़ा होने वाली है। बहुत किस्मत वाले होते हैं वो लोग जिनकी बचपन की दोस्ती सलामत रहती है। ऐसे दोस्त मिलना आजके ज़माने में बहुत मुश्किल है। ऐसे ही कुछ ख़ास दोस्तों के लिए पेश है Bachpan Status और Shayari जिन्हे आप अपने बचपन के दोस्तों को भेजना चाहोगे। क्या आप अपने बचपन को फिर से जीना चाहते हैं? अगर हाँ, तो उसके लिए नीचे दी हुई शायरी और स्टेटस पढ़ें।
Bachpan Ke Dost Shayari Hindi Mein
बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा गाँव,
जब से डिग्रियाँ समझ में आई, पाँव जलने लगे।
बहुत खूबसूरत था महसूस ही नहीं हुआ,
कब कहां और कैसे चला गया बचपन हमारा।
कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को,
नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर।
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम,
ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम
नींद तो बचपन में आती थी,
अब तो बस थक कर सो जाते है
कोई तो रुबरु करवाओ, बेखोफ़ हुए बचपन से,
मेरा फिर से बेवजह मुस्कुराने का मन है।
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता।
चलो आज बचपन का कोई खेल खेलें,
बड़ी मुद्दत हुई बे-वजह हंसकर नहीं देखा।
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से,
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से,
कहीं भी जाऊँ मेरे साथ-साथ चलते हैं
चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें,
बडी मुद्दत हुई बेवजाह हँसकर नही देखा
जिम्मेदारियों ने वक्त से पहले बड़ा कर दिया साहब,
वरना बचपन हमको भी बहुत पसंद था।
Bachpan Shayari in Hindi
जिस तरह रात के बिना दिन का वजूद नहीं,
उसी तरह मेरे बचपन के दोस्त के बिना मेरा वजूद नहीं।
रोने की वजह भी न थी, न हंसने का बहाना था,
क्यों हो गए हम इतने बडे, इससे अच्छा तो
वो बचपन का जमाना था!
चील उड़ी, कौआ उड़ा,
बचपन भी कहीं उड़ ही गया।
कितने खुबसूरत थे बचपन के वो दिन,
सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती
फिर से शुरु हो जाया करती थी
किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिश,
तुम भूल गए हो शायद अब नाव बनानी कागज़ की
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता।
बचपन भी कमाल का था
खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें
या ज़मीन पर आँख बिस्तर पर ही खुलती थी
वो बचपन की अमीरी न जाने कहां खो गई,
जब पानी में हमारे भी जहाज चलते थे
अलग होने से यह तथ्य नहीं बदल जाता कि
लंबे समय तक हम साथ-साथ बढ़े।
आओ भीगे बारिश में
उस बचपन में खो जाएं
क्यों आ गए इस डिग्री की दुनिया में
चलो फिर से कागज़ की कश्ती बनाएं।
रोने की वजह भी न थी
न हंसने का बहाना था
क्यो हो गए हम इतने बडे
इससे अच्छा तो वो बचपन था
ज़िन्दगी में दोस्त तो बहुत बनाये
पर मेरे बचपन के दोस्त जैसे कोई नहीं।
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Bachpan Dost Status in Hindi
दिल चाहता है की एक बार फिर बचपन जियूं
पर उसके के लिए मेरा वही बचपन का दोस्त चाहिए
होठों पे मुस्कान थी कंधो पे बस्ता था,
सुकून के मामले में वो जमाना सस्ता था
जीवन के हर पड़ाव पर हर किसी का एक दोस्त होता है
लेकिन केवल भाग्यशाली लोगों को ही जीवन के
सभी चरणों में एक ही दोस्त मिलता है।
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे
तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में,
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।
नए दोस्त कविताएं हो सकते हैं लेकिन
पुराने दोस्त अक्षर होते हैं। अक्षरों को न भूलें
क्योंकि कविताएँ पढ़ने के लिए
आपको उनकी आवश्यकता होगी।
मुझे आज भी याद है वो बचपन के दिन
वो कड़ी धुप में खेलना, एक दूसरे का खाना खाना,
लेकिन अब वो सभी बातें नहीं हैं मुमकिन।
बचपन की दोस्ती और अपनों का प्यार,
यह जिसके पास है, उसने जीत लिया संसार।
दोस्ती एक ऐसा उपहार है जो सभी चीजों में उचित है
यह किसी के दिल से निकलता है और इसमें
ऐसी यादें शामिल होती हैं जो कुछ समय के लिए नहीं
बल्कि जीवन भर बनी रहती हैं।
दोस्ती है हमारी जय और वीरू के जैसी,
जिसने तोड़ने की कोशिश की उसकी ऐसी की तैसी।
एक इच्छा है भगवन मुझे सच्चा बना दो
लौटा दो मेरा बचपन मुझे बच्चा बना दो।
जीवन में बचपन के दोस्तों का होना धागे में पिरोए
असली मोतियों की तरह है, जो हमेशा
चमकते रहते हैं और जीवन को उज्ज्वल बनाते हैं।
मै दोस्त छोड़ न पाया बुरी लतों की तरह,
वो मेरे साथ है बचपन की आदतों की तरह
दोस्तो से दोस्ती रखा करो तबियत मस्त रहेगी,
ये वो हक़ीम हैं जो अल्फ़ाज़ सेदुरुस्त किया करते हैं।
एक ताबीज़ हमारी गहरी दोस्ती को चाहिए,
जरा सी दिखी नहीं कि नज़र लगने लगती हैं।
दोस्ती में ना कोई दिन ना कोई वार होता है,
ये तो एहसास है जिसमें बस यार होता है।
बचपन की दोस्ती शायरी
तभी तो याद है हमे हर वक़्त बस बचपन का अंदाज,
आज भी याद आता है बचपन का वो खिलखिलाना,
दोस्तों से लड़ना, रूठना, मनाना।
कुछ लोगों के साथ खून का रिश्ता नहीं होता,
लेकिन फिर भी उनसे अपनो वाली खुशबू आती है।
एक हाथी एक राजा एक रानी के बग़ैर
नींद बच्चों को नहीं आती कहानी के बग़ैर।
जिंदगी में कुछ दोस्त बन गये,
कोई दिल में तो कोई आँखों में बस गये।
कुछ दोस्त अहिस्ता से बिछड़ते चले गये,
पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये।
कभी कंचे तो कभी लट्टू
बचपन में खिलौने कम नहीं थे,
पर बचपन के दिन काफी कम थे।
आजकल आम भी पेड़ से
खुद गिरके टूट जाया करते हैं,
छुप छुप के इन्हें तोड़ने वाला
अब बचपन नहीं रहा।
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है।
बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे
जहां चाहा रो लेते थे, पर अब
मुस्कान को तमीज़ चाहिए
और आंसूओं को तनहाई।
हंसने की भी वजह ढूँढनी पड़ती है अब,
शायद मेरा बचपन, खत्म होने को है!
देखो बचपन में तो बस शैतान था,
मगर अब खूंखार बन गया हूँ!
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया।
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था।
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन बस अपने सपनो का घर,
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर।
देर तक हँसता रहा उन पर हमारा बचपना,
जब तजुर्बे आए थे संजीदा बनाने के लिए।
दूर मुझसे हो गया बचपन मगर
मुझमें बच्चे सा मचलता कौन है।
इतनी चाहत तो लाखो रुपए पाने की भी नहीं होती
जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है।
दुआएँ याद करा दी गई थीं बचपन में सो
ज़ख़्म खाते रहे और दुआ दिए गए हम।
बड़ी हसरत से इंसाँ बचपने को याद करता है
ये फल पक कर दोबारा चाहता है ख़ाम हो जाए।
कौन कहे मासूम हमारा बचपन था
खेल में भी तो आधा आधा आँगन था।
आशा करती हूँ की आपको यह bachpan ke dost par shayari और स्टेटस पसंद आये होंगे और इन्होने आपकी यादें ताज़ा की होंगी। ऐसी अन्य प्रकार की शायरियों के लिए इस वेबसाइट के अन्य पृष्ठ देखना मत भूलें।
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