Vasant Ritu Par Shayari Hindi Mein: नमश्कार दोस्तों! आज आप यहाँ पर वसंत के मौसम के लिए कुछ शायरियां प्राप्त करने वाले हैं। वसंत ऋतू भारत के प्रमुख मौसम में से एक है जो मार्च और अप्रैल के महीने में आता है। इस मौसम को अंग्रेजी में Spring Season कहते हैं। इस मौसम का पहले त्यौहार बसंत पंचमी होता है जो की विद्या की देवी माता सरस्वती जी को समर्पित है। इससे पहले हमने आपके साथ बारिश की शायरी शेयर की थी। बसंत मौसम को ऋतुराज भी कहा गया है क्यूंकि इस मौसम के दौरान वातावरण काफी सुन्दर प्रतीत होता है। तो आइये देखते है कुछ सूंदर शायरियां वसंत ऋतू के मौसम पर।
भारतीय कैलेंडर के अनुसार वसंत के मौसम से नए साल की शुरुआत होती है। ऐसा माना जाता है की प्रकृति में बदलाव के साथ साथ हमारे मन और तन में भी सकारात्मक बदलाव होने लगते हैं। इस मौसम का पहला महीना चैत्र महीना कहलता है जिसमें नए साल की शुरुआत होती है। वसंत ऋतू के दौरान कई त्यौहार मनाये जाते हैं जिनमे है होली, रंगपंचमी, बसंत पंचमी, राम नवमी, नवरात्री, हनुमान जयंती, गुरु पूर्णिमा आदि।
Vasant Ritu Par Shayari Hindi Mein
चहेरे पर मुस्कान है आज,
हुआ ठण्ड-शीत का अंत,
पेड़-पौधे भी खुश हो रहे है
आ गया मनोहर ऋतु वसंत।
अपने लिए फूल लाने के लिए किसी का इंतजार न करो,
अपना बाग लगाओ और अपनी आत्मा को सजाओ।
वसंत वह है जब आपका कीचड़ से भरे जूते
होते हुए भी सीटी बजाने का मन करें।
पतझड़ है औऱ ख़ुशनुमा हालात यह,
झड़ जाएंगे तेरे भी ख़यालात यह,
पऱ एक पत्ता अड़ा है इस बात पे,
कोपलें मेरी ही होंगी फ़िर शाख़ पे।
पीली सरसों खेत में, लगती बहुत अनूप,
लगे धरा ने धर लिया, दुल्हन जैसा रूप।
एक बार बसंत नाम की
कोई चीज बनाई जा रही थी
जब दुनिया तेरी और मेरी
कविता लिख रही थी।
दोस्ती पतझड़ भरे जीवन में वसंत के समान है,
जिसके आने से जिंदगी में बहार आ जाती है।
बौर आम पर आते है,
मुस्काते है पेड़ों में फूल,
वसंत जब आता है तो
उड़ाता है खुशियों के धूल।
हरियाली हर ओर है, आमों पर है बौर ।
अंत हुआ ऋतु शीत का, है बसंत का दौर ।
तुम जब आओगी,
तो आएगा वसंत भी,
तुम्हारे बिना तो ये जीवन
सिर्फ सर्द घना-सा कोहरा है।
वसंत में जिसे सब अपना कहते है,
पतझड़ में कौन किसका हाल पूछता है।
खोला कुदरत ने यहाँ, रंगों का भंडार ।
ऋतु बसंत में लग रहा, सुन्दर यह संसार ।
मां सरस्वती का वरदान हो आपको,
हर दिन नई मिले ख़ुशी आपको,
दुआ हमारी है खुदा से ऐ दोस्त,
जिन्दगी में सफलता हमेशा मिले आपको।
मन कुछ अपने को ऐसा हल्का पाये
जैसे कंधों पे रखा बोझ हट जाये
जैसे भोला सा बचपन फिर से आये
जैसे पतझड़ में सारे ग़म झड़ जाये
पतझड़ भी हिस्सा है जिंदगी के मौसम का
फर्क सिर्फ इतना है
कुदरत में पत्ते सूखते हैं हकीकत में रिश्ते
तेरी यादें जैसे मौसम-ए-पतझड़
जब भी आती है बिखेर देती है मुझे
बसंत ऋतू एक ऐसा मौसम है जिसमे नए नए फूल खिलने लगते हैं, पेड़ और पौधे नए पत्तियों से सुसज्जित होने लगते हैं, चिड़ियाँ चहक उठती है और मनो प्रकृति का नया जन्म हुआ हो। यह हमें इस बात का सन्देश भी देता है की कोई शुभ कार्य करने के लिए यह मौसम बहुत ही अनुकूल है।
वसंत ऋतू की हिंदी शायरी
पुष्पित जीवन कुंज में महके सुख मकरंद,
ऋतुएँ आएं कोई भी मन में रहे बसंत।
पतझड़ की रूत इतनी आई जिंदगी में,
कि हम वसंत का स्वागत करना भूल ही गये।
करते हैं सबका भला, सच्चे साधु संत ।
जैसे हरियाली करे, पतझड़ बाद बसंत ।
जिसने तुम्हें बनाया है निश्चित ही
उसने वसंत को भी बनाया होगा,
तुम्हारे छूने से दिल में फूल खिले
और तुम्हारे चले जाने से पतझड़।
जोबन पर इन दिनों है बहार-ए-नशात-ए-बाग़
लेता है फूल भर के यहाँ झोलियाँ बसंत।
हरियाली हर ओर है, आमों पर है बौर ।
अंत हुआ ऋतु शीत का, है बसंत का दौर ।
मौसम ने छेड़ा यहाँ फिर वसंती राग,
फूलो का मेला लगा, झूम उठे हैं बाग़,
प्रेम-प्यार बढे, बुझे द्वेष की आग,
वर्ष की है ये दुआ, धुलें क्लेश के दाग।
हम-रंग की है दून निकल अशरफ़ी के साथ
पाता है आ के रंग-ए-तलाई यहाँ बसंत।
जीवन का यह बसंत,
आप सबको खुशियां दे अनंत
प्रेम और उत्साह का, भर दे जीवन में रंग
लो बसंत फिर आई, फूलों पर रंग लायी
बजे जल तरंग, मन पर उमंग छायी,
लो बसंत फिर आई।
हर कठिनाई का हल निकल ही जाता है
पतझड़ एक दिन बसंत में बदल ही जाता है।
आई बसंत और खुशियाँ लायी
कोयल गाती मधुर गीत
प्यार के चारों और जैसे सुगंध छाई
फूल अनेकों महके बसंत के
बसंत आगमन की हार्दिक बधाई।
Basant Ritu Shayari Status
क़ुदरत की बरकतें हैं ख़ज़ाना बसंत का,
क्या ख़ूब क्या अजीब ज़माना बसंत का।
टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर
पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात कोयल की कुहुक
रात प्राची में अरुणिम की रेख देख पता हूँ
गीत नया गाता हूँ।
पीले-पीले सरसों के फूल, पीली उड़ी पतंग रंग
बरसे पीले और छाए सरसों की उमंग
जीवन में आपके रहे हमेशा बसंत के ये रंग
आपके जीवन में बनी रहे खुशियों की तरंग।
इस साल का यह बसंत
आपको खुशियां दें अनंत
प्रेम और उत्साह से
भर दें जीवन में रंग।
इश्क़ के आते ही मुंह पर मिरे फूली है बसंत
हो गया ज़र्द ये शागिर्द जब उस्ताद आया।
स साल का यह बसंत आपको खुशियां दें अनंत
प्रेम और उत्साह से भर दें जीवन में रंग।
पीले-पीले सरसों के फूल पीले उड़े पतंग
रंग बरसे पीला और छाए सरसों की उमंग
आपके जीवन में रहे सदा बसंत के रंग।
ख़ाली हाथ अब के गुज़रने न दी पेड़ों ने बसंत
पतझड़ आई तो किसी शाख़ पे पत्ता न मिला।
आया बसंत फूल भी शोलों में ढल गए
मैं चूमने लगा तो मिरे होंट जल गए।
लेकर मौसम की बहार आया बसंत ऋतू का त्योहार
आओ हम सब मिलके मनाये दिल में भर के उमंग और प्यार
पीले पीले सरसों के फूल पीली उड़े पतंग,
रंग बरसे पीला और छाये सरसों सी उमंग,
आपके जीवन में रहे सदा बसंत के रंग
कभी ना हो कांटो का सामना,
जिंदगी आपकी खुशियों से भरा रहे,
संक्रांति पर हमारी यही दुआ
कमल पुष्प पर आसीत मां,
देती ज्ञान का सागर मां,
कहती कीचड़ में भी कमल बनो,
अपने कर्मों से महान बनो
सर्दी को तुम दे दो विदाई वसंत की अब ऋतु है आई,
फूलों से खुशबू लेकर महकती हवा है आई,
बागों में बहार है आई भंवरों की गुंजन है लाई,
उड़ रही है पतंग हवा में जैसे तितली यौवन में आई,
देखो अब वसंत है आई।
एक फूल धूप के बिना नहीं खिल सकता,
और एक आदमी प्यार के बिना नहीं रह सकता।
वसंत ऋतू की शुभकामनाएं।
यह फिर से वसंत है,
मैं पक्षियों को फिर से गाते सुन सकता हूं।
मैं फूलों को खिलता हुआ देख सकता हूँ।
मंदिर की घंटी,
आरती की थाली,
नदी के किनारे सूरज की लाली,
जिंदगी में आए खुशियों की बहार
वसंत ऋतू की शुभकामनाएं
पतझड़ है, औऱ ख़ुशनुमा, हालात यह,
झड़ जाएं गे, तेरे भी, ख़यालात यह,
पऱ ईक पत्ता है, अड़ा है, इस बात पे,
कोपलें, मेरी ही होंगी, फ़िर शाख़ पे
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